Tere Ishq me - 1 in Hindi Love Stories by Jagruti Joshi books and stories PDF | तेरे इश्क में - 1

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तेरे इश्क में - 1

"श्री" सो रही थी घड़ी की टीक टीक टीक आवाज पूरे कमरे मे छा रही थी, अभी फ़रवरी का महीना चल रहा था तो गुलाबी ठंड की लहर चल रही थी।
सर्दी का मौसम था तो किसीका भी अपने बेड से उठने का मन नही करता। वो ही हाल श्री का था पर उसका फोन बार बार रिंग किये जा रहा था।

उस ने बीना देखे फोन उठाया ओर कहा अबकी बार अगर फोन कीया ना तो मे टिकट कैंसिल करवा दूंगी।
सामने उसकी दोस्त जीया थी
उसकी सादी थी सारे दोस्त आ गए थे सिवा श्री के तो वो बार बार कोल करके ये पूछ रही थी की वो कब आएगी । करीब पचास से भी ज्यादा कोल कर लीये थे उसने ,
ओर यही बात मेडम को इरिटेटिंग लग रही थी ।
जीया ने कहा

जीया- जब तक तु जयपुर नही पहुंच जाती तब तक कोल करती रहुंगी समजी बोल कब तक आऐगी।

श्री ने कहा- अरे थोडा काम है वो खतम करके
छे बजे तक पहुंच जाऊंगी ओके चल फोन रख अभी पेकिंग करनी है मुजे ।
जीया - अभीईईई पेकिंग बाकी है , श्री की बच्ची एक बार आ तु छोडुंगी नही तुजे ओर चीढ कर वो फोन रख देती है ।
श्री के चहरे पर एक हल्की सी स्माईल आ जाती है,
श्री ओर जीया, मन, काया, निसी ,मयंक ये स्कूल टाइम के दोस्त थे कोलेज भी साथ मे की थी ।
जब एम बी बी एस कम्प्लीट हुआ तब सब अपने शहर चले गए।
सबने अपने अपने शहर मे खूद का क्लीनिक खोला था तो कोई सरकारी अस्पताल मे अपनी डाक्टरी करता था।
श्री (Psychiatrist )मनोचिकित्सक थी । उस ने देहरादून मे अपना क्लीनिक खोला था । सब के साथ वो फोन पर ही बाते करती थी।
आज सब चार साल बाद मीलने वाले थे।
सारे दोस्त पहुंच गए उसके अलावा इस लिए जीया उस पर गुस्साई हुई थी। उस ने अपनी पेकिंग की ओर अपने क्लीनिक पर गई ,
उस के ˈपेश्‌न्‍ट्‌ की फाइल चेक की अपने स्टाफ को सारी बाते समझाई ओर कहा कोई भी प्रोब्लम हो तो कोल कर ले।
फिर वो जयपुर के लिए एयरपोर्ट निकल गई।

जयपुर

श्री करीब साडे पांच बजे जयपुर आ गई थी । उस ने बाहर निकल कर जीया को कोल किया। ओर अड्रेस मैसेज करने को कहा ।

जीया ने बताया के उसे लेने के लिए उसका भाई छोटु आया है तु उसे कोल करले।

श्री ने फोन लगाया छोटु आया ओर दोने घर के लिए निकल गए।
छोटु -दी हम चार साल बाद मिल रहे है ।
आप तो पहेली बार आये होना जयपुर?
श्री- हा , जबतक आप लोग दिल्ली मे थे तबतक आना हुआ ।
बट अंकल का ट्रांसफर जयपुर हुआ तब से हम नही मीले।

कितना खूबसूरत है ये शहर श्री ने कहा।
छोटु हा दी बहुत ही सुंदर है ये जयपुर।

इस लिए जीजु ने यहा का रिसोर्ट बुक करवाया है ओर शादी के सारे फंक्शन वही होगे।
दोनो नई पूरानी बाते करते रहे ओर देख ते देख ते रिसोर्ट भी पहुंच गए।
जीया ने गाडी का हॉर्न सुना तो वो दोडती गेट के पास गई।
सब लोग उसे देख ने लगे के एसा कोन आया की ये पागलो की तरहा भागी।
जेसे ही उसने "श्री को देखा तो वो दौड़कर उसे गले लग गई ओर दोनो रोने लगी ।
जीया ने कहा मेरी जान
miss you so so so much.
श्री ने कहा same to you मेरी जान ।
अब रोना बंध कर मेकअप खराब हो जाये गा तेरा ।
ओर दो नो एक साथ हसने लगी।
तबतक उसके सारे दोस्त भी आ गए थे ।
सब को मिलकर आज उसे एक सुकून मिल रहा था ।
वो अंदर गई जीया की फॅमिली से मीली उसके ससुराल वालो से भी मीली।
सब लोग सिर्फ श्री को ही देख रहै थै कोई दूर खडा शख्स भी।
सब राजस्थानी लिबास मे थे क्यु की वो संगीत का ड्रेसे कोड था। पर
श्री सब से जुदा लग रही ।
उस ने ग्रे कलर की कोटन सिल्क की साईनी सारी पहेनी थी ।
गले मे कुछ भी नही पहेना था मगर कानो मे बडे सिल्वर झूमके और हाथो मे बेंगल्स पहेनी थी एक हाथ मै वोच थी ओर बाल खूले थे। आँखो मे हलका साथ काजल था।
वो आज बोहोत ज्यादा खूबसूरत लग रही थी सब उसी को देख रहे थे।

श्री - ने जीया को कहा जीजु कहा हे मिलवा ओ मुझे।
चल तुम्हे मिलवाती हु ओर जीया उसे खींच कर ले गई ।
ये है तेरे जीजु अनुज ओर अनुज मेने आपको बताया था ना ये मेरी जान।
बीच मे ही अनुज बोल पडता है , हां...जी ये आपकी जान श्री है ,
फिर अनुज ने कहा ओर हम बस ए वे ही ।
कोई वेल्यू नही है ,आलू को बराबर ओर मूह बिगाड दिया।
श्री ने कहा क्या जीजु आप भी आलू के बीना कोई सब्जी थोडी अच्छी लगती है।
जीया ने श्री को कहा ये मजाक कर रहे है , उनकी बाते दिल पर मत लगाना।
अनुज आप के दोस्त आने वाले थे कहा है जीया ने अनुज से पूछा?
अनुज ने कहा वो आ गया हे , रुको मे बुलाता हु।
उस ने आवाज लगाई दर्श चल आ तेरी भाभी और उसके दोस्तो से मिलवा ता हुं।

श्री को कब से लग रहा था की कोई उसे ही देख रहा है ,
ओर जब दर्श नाम सुना ओर उसी दिशा से कीसी के
ˈफ़ुट्‌स्‍टे᠎̮प्‌ की आवाज सुनी

ओर वो जेसे जेसे करीब आते गए वैसे वैसे उसकी ˈहाट्‌बीट्‌ तेज होती गई ।
वहा मन, काया, जीया निसी ओर मयंक भी चौंक गये थे।
अनुज ने कहा मुजे पता हे वो कोई सेलिब्रिटी से कम नही ,
पर आप सब एसे उसे देखेंगे तो वो अन्ˈकम्‍फ़्‌टब्‌ल्‌ फील करेगा।
अनुज की बात सुनके सब अपने होश मे आये तबतक दर्श भी आ चुका था।
दर्श ने कहा
Hi how are you so many years ago......

अनुज ने चौंक ते हुए 🙄
क्या आप सब जानते हो एक दूसरे को ?

जीया बोल ने ही जा रही थी पर दर्श ने आंखो से इशारा करते हुए कहा प्लीज मत बोल ना।
जीया ने कहा हा हम एक ही स्कूल मे थे ओर आपके बेस्ट फ्रेंड् सिनियर थे।

अनुज ने कहा वाह यार ये तो पूरानी पहेचान नीकली ।
दर्श ने सब से हाथ मिलाये बाते की ।
वो श्री के पास आया ओर कहा How are you

मे ठीक हु श्री ने कहा ।
दर्श ने अपना हाथ आगे कीया ,
वो हाथ मिलाना चाहती नही थी पर सब आस पास थे तो उसने अपना हाथ आगे बढ़ाया ,
दोनो को जेसे करंट लगा हो , कुछ अजीब पर मीठा अहसान हुआ। तभी जीया की आवाज सुनाई दी ओर दोनो ने अपना अपना हाथ खीच लीया ।

तभी जीया ने कहा चलो हमे डांस प्रैक्टिस करनी है तु हमारी डांस प्रैक्टिस देख तेरा तो कोई पार्टनर है नी ।
श्री ने कहा पर ये चारो हे ना मेरे पास।
जीया नही ये लोग भी मेरे साथ ही डांस प्रैक्टिस करेंगे-
मयंक ओर काया -निसी और मन

श्री ने मूह बिगाड कर कहा जाओ मेरे पास फोन है।
क्रमश....